हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी महिलाओं में गर्भाशय को हटाने की प्रक्रिया

हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी महिलाओं में गर्भाशय को हटाने की प्रक्रिया है। यह सर्जरी कई स्त्री रोग संबंधी समस्याओं जैसे भारी रक्तस्राव, गर्भाशय की गांठ, फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, या गर्भाशय/अंडाशय के कैंसर जैसी बीमारियों के लिए की जाती है।

9/29/20251 min read

हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी महिलाओं में गर्भाशय को हटाने की प्रक्रिया है। यह सर्जरी कई स्त्री रोग संबंधी समस्याओं जैसे भारी रक्तस्राव, गर्भाशय की गांठ, फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, या गर्भाशय/अंडाशय के कैंसर जैसी बीमारियों के लिए की जाती है।

हिस्टेरेक्टॉमी के प्रकार

  • टोटल हिस्टेरेक्टॉमी: इसमें गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा दोनों को हटा दिया जाता है।

  • सबटोटल/आंशिक हिस्टेरेक्टॉमी: इसमें सिर्फ गर्भाशय हटा दिया जाता है, ग्रीवा वहीं रहती है।

  • रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी: कैंसर के लिए की जाती है जिसमें गर्भाशय, ग्रीवा, आसपास के ऊतक, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय को भी हटाया जा सकता है।

सर्जरी के तरीके

  • एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी: पेट में चीरा लगाकर गर्भाशय निकाला जाता है।

  • वजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी: योनि से गर्भाशय हटाते हैं, इसमें पेट पर कोई चीरा नहीं लगता।

  • लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी: छोटे-छोटे चीरे लगाकर दूरबीन व उपकरणों की मदद से सर्जरी की जाती है, इसमें दर्द कम और रिकवरी जल्दी होती है।

  • रोबोटिक-असिस्टेड हिस्टेरेक्टॉमी: यह लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया का उन्नत रूप है जिसमें रोबोट द्वारा सर्जरी होती है।

सर्जरी की तैयारी

  • डॉक्टर से प्रक्रिया, संभावित जटिलताओं और सर्जरी के कारण पर विस्तृत जानकारी लें।

  • आवश्यक मेडिकल जाँच करवाएँ: ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, ECG आदि।

  • खाने-पीने या दवाइयों से संबंधित सभी निर्देशों का पालन करें।

  • अस्पताल और घर की व्यवस्थाएँ करें क्योंकि सर्जरी के बाद आराम आवश्यक है।

सर्जरी प्रक्रिया

  • मरीज को सामान्य या क्षेत्रीय एनेस्थीसिया दिया जाता है।

  • चुने गए विधि अनुसार सर्जन गर्भाशय को पेल्विक क्षेत्र से अलग करता है।

  • हटाए गए हिस्से को टांके या स्टेपल्स द्वारा बंद किया जाता है।

  • सर्जरी में 1–4 घंटे तक का समय लग सकता है।

सर्जरी के बाद देखभाल और रिकवरी

  • अस्पताल में 2-5 दिन रहना पड़ सकता है, लेकिन लेप्रोस्कोपिक/वजाइनल सर्जरी में जल्दी छुट्टी मिलती है।

  • मरीज को हल्का खाना, टांकों की देखभाल, दवाएँ और संक्रमण से बचाव जरूरी है।

  • रिकवरी में 4-6 हफ्ते लग सकते हैं।

संभावित जोखिम और दुष्प्रभाव

  • संक्रमण, अत्यधिक रक्तस्राव, समीपवर्ती अंगों को चोट, पैरों/फेफड़ों में थक्का, दर्द, निशान ऊतक का विकास, एनेस्थीसिया की प्रतिक्रिया।

  • यदि अंडाशय भी हटाया गया है, तो जल्दी मेनोपॉज़ के लक्षण हो सकते हैं जैसे हॉट फ्लैश, मूड चेंज या अनिद्रा।

विशेष बातें

  • हिस्टेरेक्टॉमी के बाद महिला गर्भवती नहीं हो सकती।

  • मासिक धर्म भी बंद हो जाता है।

  • मानसिक और शारीरिक तौर पर सकारात्मक सोच जरूरी है—सर्जरी के बाद परिवार का सहयोग लाभकारी होता है।

निष्कर्ष

हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी एक ज़रूरी उपचार है, जिसे मरीज की बीमारी और स्वास्थ्य के अनुसार चुना जाता है। सर्जरी के तरीके और देखभाल डॉक्टर के निर्देशानुसार ही करें, जिससे जटिलताओं से बचा जा सके और जल्दी रिकवरी हो सके।