परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy - PCNL)

परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy - PCNL) एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है, जिसका उपयोग बड़ी या जटिल गुर्दे की पथरी निकालने के लिए किया जाता है। यह सर्जरी तब की जाती है जब पथरी अपने आप पेशाब के रास्ते बाहर नहीं आ सकती या अन्य तरीकों से इलाज संभव नहीं होता।

9/29/20251 min read

परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy - PCNL) एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है, जिसका उपयोग बड़ी या जटिल गुर्दे की पथरी निकालने के लिए किया जाता है। यह सर्जरी तब की जाती है जब पथरी अपने आप पेशाब के रास्ते बाहर नहीं आ सकती या अन्य तरीकों से इलाज संभव नहीं होता।

पीसीएनएल सर्जरी क्या है?

पीसीएनएल सर्जरी में मरीज की पीठ में 1 सेमी का छोटा चीरा लगाकर एक ट्यूब की मदद से नेफ्रोस्कोप (छोटी दूरबीन) और विशेष उपकरणों द्वारा गुर्दे की पथरी को तोड़ा और बाहर निकाला जाता है।

कब आवश्यक है यह सर्जरी?

  • जब पथरी का आकार 2 सेमी या उससे बड़ा हो।

  • जब पथरी किडनी की कई शाखाओं (स्टैगहॉर्न स्टोन) में फैली हो।

  • जटिल या कड़ी पथरी, जो दूसरी विधियों से नहीं निकलती।

  • बार-बार संक्रमण या किडनी में सूजन।

सर्जरी की प्रक्रिया

  • पहले: रोगी को सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाता है। संक्रमण या ब्लीडिंग की जांच की जाती है।

  • दौरान: पीठ की तरफ से 1 सेमी का चीरा, नेफ्रोस्कोप और अन्य विशेष औजार डालकर पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं। लेजर या अल्ट्रासोनिक उपकरण का भी उपयोग किया जाता है।

  • बाद में: पथरी के टुकड़े चूसने या पकड़कर बाहर निकालते हैं। पूरी तरह से सफाई के बाद टयूब (नेफ्रोस्टॉमी) डाली जा सकती है, जिससे शेष तरल या खून बाहर निकल सके।

सर्जरी के बाद देखभाल व रिकवरी

  • अस्पताल में आमतौर पर 2-3 दिन रहना पड़ता है।

  • चीरे और किडनी क्षेत्र में हल्का दर्द या जकड़न महसूस हो सकती है, जिसे दवा से नियंत्रित किया जाता है।

  • कम से कम दो हफ्ते आराम, डॉक्टरी सलाह अनुसार।

  • बहुत अधिक पानी पिएं; टांकों की सफाई और ड्रेसिंग का ध्यान रखें।

संभावित जोखिम व जटिलता

  • संक्रमण, रक्तस्त्राव, बुखार, तंत्रिका या आस-पास के अंगों को चोट।

  • दुर्लभ मामलों में पेशाब में रुकावट या मूत्र वाहिनी में चोट।

विशेष बातें व सावधानियां

  • सर्जरी की सफलता दर 95–98% तक है।

  • यह प्रक्रिया पूरी तरह से यूरोलॉजिस्ट द्वारा पूरी सावधानी व विशेषज्ञता से की जाती है।

  • पोस्ट-ऑप देखभाल, फॉलो-अप अल्ट्रासाउंड और मेडिकल जांच आवश्यक है।

निष्कर्ष

पीसीएनएल एक सुरक्षित और प्रभावी सर्जरी है, जो बड़ी या जटिल किडनी स्टोन के इलाज में आधुनिक विकल्प है। समय पर इलाज और सही देखभाल से मरीज जल्दी सामान्य जीवन में लौट सकता है।